पेंशन योजना का चयन करते समय NPS (National Pension System) और UPS (UnifiedPension Scheme) के बीच अंतर को समझना बेहद महत्वपूर्ण है। ये दोनों योजनाएँ रिटायरमेंट के बाद आपकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, लेकिन इनमें कुछ बुनियादी अंतर हैं। आइए, इन्हें तीन आसान स्टेप्स में समझते हैं।
Step 1: NPS (National Pension System) को समझें
NPS एक स्वैच्छिक निवेश योजना है, जिसमें आप अपने करियर के दौरान नियमित रूप से एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं। यह योजना आपके रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। उदाहरण के लिए:
मान लीजिए, आपने NPS में 30 वर्षों तक निवेश किया आपके खाते में ₹60,00,000/- जमा हो गए। इस स्थिति में, आपको निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे:
- लमसम अमाउंट: NPS में जमा कुल राशि का 40% हिस्सा, यानी ₹24,00,000/- आपको एकमुश्त (लमसम) अमाउंट के रूप में मिल जाएगा। इसके अलावा, आपको ग्रेच्युटी (Gratuity), लीव एनकैशमेंट (Leave Encashment), और SBF (Superannuation Benefit Fund) जैसे अन्य लाभ भी प्राप्त होंगे।
- पेंशन: शेष 60% राशि, यानी ₹36,00,000/- आपके पेंशन के लिए सुरक्षित की जाएगी। पेंशन दर 0.5% की दर से आपको हर महीने ₹18,000/- की पेंशन प्राप्त होगी।
- नॉमिनी लाभ: आपकी मृत्यु के बाद,यदि आपने नॉमिनीपेंशन विकल्प चुना है, तो आपके नॉमिनी को 100% पेंशन मिलेगी और शेष ₹36,00,000/- की राशि भी नॉमिनी के बच्चों को मिल जाएगी।
NPS की इस संरचना का मुख्य उद्देश्य यह है कि आपको नियमित पेंशन के साथ-साथ एकमुश्त राशि का लाभ भी मिले।
Step 2: UPS (Unified Pension Scheme) को समझें
UPS एक पारंपरिक पेंशन योजना है, जिसमें आपकी मासिक पेंशन आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (Dearness Relief, DR) के आधार पर निर्धारित होती है।
उदाहरण: मान लीजिए, 30 वर्षों की सेवा के बाद आपकी बेसिक सैलरी ₹1,00,000/- है। UPS के तहत:
- मासिक पेंशन: आपको अपनी बेसिक सैलरी का 50%, यानी ₹50,000/- + DR के साथ मासिक पेंशन मिलेगी।
- जमा राशि का उपयोग: हालांकि, NPS के विपरीत, ₹60,00,000/- की जो राशि आपके द्वारा UPS में जमा की गई थी, वह आपको वापस नहीं मिलेगी। इसी जमा राशि का 1%, यानी ₹60,000/- आपको पेंशन के रूप में प्राप्त होगा।
- 14% से बढ़ाकर 18.5% की गई है, जो DA (Dearness Allowance) को प्रोटेक्ट करेगा। इस बढ़ोतरी का उद्देश्य कर्मचारियों की पेंशन को महंगाई के प्रभाव से सुरक्षित रखना है।
UPS में DR का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि यह आपकी पेंशन को महंगाई के अनुरूप समायोजित करता है।
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Step 3: Lumsum Amount की तुलना
NPS और UPS दोनों में ही आपको एकमुश्त (लमसम) राशि का भी प्रावधान मिलता है, लेकिन दोनों योजनाओं में यह अलग-अलग तरीकों से कार्य करता है:
NPS में Lumsum Amount:
- 10 वर्षों बाद:
- आपको जमा राशि का 20% लमसम के रूप में मिल जाएगा।
- बाकी 80% पर 0.5% की दर से पेंशन प्राप्त होगी।
- अंत में, शेष 80% राशि आपके नॉमिनी को कैश के रूप में मिल जाएगी।
- 20 वर्षों बाद:
- आपको जमा राशि का 40% लमसम के रूप में मिल जाएगा।
- बाकी 60% पर 0.5% की दर से पेंशन प्राप्त होगी।
- शेष 60% राशि नॉमिनी को कैश में मिल जाएगी।
- 60 वर्ष की उम्र तक:
- आपको जमा राशि का 60% लमसम मिलेगा।
- बाकी 40% पर 0.5% की दर से पेंशन प्राप्त होगी।
- शेष 40% राशि नॉमिनी को कैश के रूप में मिल जाएगी।
UPS में Lumsum Amount:
UPS में लमसम अमाउंट का निर्धारण भी किया गया है:
- 10 – 25 वर्षों तक-अनुपातित : minimum 10000/-
- एक वर्ष के 6 महीनों का बेसिक पे:
- आपके बेसिक पे का 10% लमसम अमाउंट के रूप में मिलेगा।
- उदाहरण के लिए, अगर आपकी बेसिक सैलरी ₹1,00,000/- है, तो 6 महीनों का 10% = ₹36,000/- होगा।
- यदि आपने 30 वर्षों तक सेवा की है, तो यह राशि ₹36,000 × 30 = ₹10,80,000/- होगी, जो आपको नौकरी छोड़ते समय लमसम के रूप में प्राप्त होगी।
NPS और UPS में Lumsum Amount का अंतर यही है कि NPS में आपको अधिक फ्लेक्सिबिलिटी और बड़े अमाउंट की सुविधा मिलती है।
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निष्कर्ष
NPS और UPS दोनों ही पेंशन योजनाएं आपके भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए बनाई गई हैं। जहाँ NPS आपको लमसम राशि और पेंशन का संयोजन प्रदान करता है, वहीं UPS में मासिक पेंशन और DR का समायोजन मुख्य भूमिका निभाता है। अपनी आवश्यकताओं और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार इन दोनों योजनाओं का चयन करें और अपने भविष्य को सुरक्षित बनाएं।